योग आज देश विदेश में प्रचलीत हो रहा हैं। और पुरी दुनीयाँ इसके महत्व को जान रही है समझ रही है ।योग क्या हैं ? देखा जाए तो योग एक पुरी चिकित्सा पद्धती है।योग संस्कृत शब्द युज से निकाला गया है । योग शास्त्रो के अनुसार योग हमारे मस्तिष्क और शरीर के बिच सिधा संबंध होता है। योग दुनिया का सबसे प्राचीन विज्ञान माना गया है। जीसकी उत्पत्ती भारत मे हीं हुई हैं। योग का प्रमुख मकसद है आत्मज्ञान और हर प्रकार के शारीरिक समस्याओसे निजाद पाना , किसीं भी तरह की शारीरिक या मानसिक परेशानियोसे निजाद पानेका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है योग , इसके अलावा अध्यात्मिक विकास मे बेहद साहायक है। योग शास्त्रोके अनुसार योग पौराणिक काल से ही चला आरहा है। और योग के सबसे पहले गुरू के तौर पर भगवान शिव को माना गया है। कहां जाता है की हिंदु घाटी सभ्यताकी अमर देन है , जीसकी शूरुवात लगभग 2700बीसी साल पहले हुई थी ऐसें कई प्रमाण पाए गए है जीसमे हिंदू घाटी सभ्यता द्वारा योग साधना और उसकी मौज्यूदगी दिखाई दि है। और इस आधार पर ये केहना गलत नहीं है की प्राचीन भारत मे भी योग का महत्वपूर्णस्थान हुआ करता था। उस काल की कई मूर्तीया और चिन्ह मिले है जो योग्य तंत्र साफ तौर पर दर्शाते है । लोकसंस्कृती हिंदू घाटी सभ्यता का वैदिक और उपनिषद धरोहरो बौद्ध, जैन के रीतिरिवाजो और महाभारत ,रामायण काव्योमेभी योग की चर्चा की गई है।सूर्यनमस्कार भी योग का रूप माना गया है । दक्षिण आशिया की परंपराओ के समय योग गुरु योग के प्रसार और इसकी महत्वता की शिक्षा दिया करते थे ।ऊस समय भी योग को एक खास दर्जा प्राप्त था ऊस समय मे योग सिर्फ योग ना होकर उपासना और साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता था देखा जायेतो योग का सबसे जादा शास्त्रीय विकास 500बीसी से 800ए डी तक मे हुआ है। ये दौर महावीर और बुद्ध का रहा था और इसी युग मे व्यास की कथा और भगवतगीता भी बनी थी।
योग 8 अंगो मे विभाजीत है
•यम
•नियम
•आसन
•प्राणायाम
•प्रत्याहार
•धारणा
•ध्यान
•समाधि
योग हमे शरीर और मन का रुपांतरण सिखाता है । जो हमे ना सिर्फ स्वस्थ बनाने केलीये बलकी हमारे जिवन मे कई सकारात्मक बदलावं केलीये भी जरुरी होता है। यदी आपको लगे की आप आपको लागी किसीं आदत को नही छोड पा रहे है तो आपको योग निश्चित तौर पर अपनाना चाहीये ,.आपको अपने अंदर बदलाव जरूर म्हसुस होगा और अपने अंदर आपको एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह दिखेगा ।
योग 8 अंगो मे विभाजीत है
•यम
•नियम
•आसन
•प्राणायाम
•प्रत्याहार
•धारणा
•ध्यान
•समाधि
योग हमे शरीर और मन का रुपांतरण सिखाता है । जो हमे ना सिर्फ स्वस्थ बनाने केलीये बलकी हमारे जिवन मे कई सकारात्मक बदलावं केलीये भी जरुरी होता है। यदी आपको लगे की आप आपको लागी किसीं आदत को नही छोड पा रहे है तो आपको योग निश्चित तौर पर अपनाना चाहीये ,.आपको अपने अंदर बदलाव जरूर म्हसुस होगा और अपने अंदर आपको एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह दिखेगा ।